मैं खोया बेसहारा
पड़ा हूँ इधर
तू मुझको बता के
अब मैं जाऊँ किधर
घर चला था
तूने कैदी बनाया
इस हालात में
पूछने तक ना आया
बेघर हो गया मैं
क्या दीया जलाऊँ
तालियों से बता
घर किसका बसाऊँ
सभी जान चुके
के तू है कलाकारी
भाषणों से कैसे
जाएगी बीमारी
बस्तीयों में कैसे
हम फ़ासला बनाएँ
ऐलानों को तेरे
हम कैसे निभायें
दरवाज़ों पे उनके
मौत रोज़ खटखटाती
चला के पटाके
समझे तू बाराती
सड़क पे जाने की
अब हिम्मत नहीं है
लाठियों से कईयों की
पीठ छिल चुकी है
घरवालों को मेरी
खबर तक नहीं है
उनके दिये की तो
रौशनी भुज चुकी है
कुछ भाई हमारे
घर को चले थे
भूखे और प्यासे
पहुँच ना सके थे
हिसाब हमारा
अब कौन करेगा
मिला ना तब भी
अब भी ना मिलेगा
मौके पे दरवाज़े भी
खड़खड़ाता रहा हूं
– KS
बहुत सुन्दर कविता है सर , बहुत अच्छा लगा, धन्यवाद.
सभी मजदूर विभिन्न स्टे्टों में पुलिस के द्वारा स्कूलों में कैदी बना लिए गए आपने सत्य कहा सर। बदतर जीवन है घर वाले चिंता करते हैं फोन की बैटरी या नहीं है कोई खोज खबर नहीं है दोनों तरफ चिंताएं हैं। आपकी कविता अर्द्ध को छूने वाली और आज के संदर्भ में संपूर्ण सत्य !
लाजवाब
बहुत सुंदर पंक्ति आदरणीय सिब्बल साहब।
आपका आशीर्वाद सदा बना रहे।
संजय अजगल्ले
जांजगीर लोक सभा
छत्तीसगढ़
Wonderful
Deep message Sir
One day this hunger make them more powerful and they will demolish this fascist government.
एक आशियाना तलाशता फिर रहा हूं इस अंजान शहर में ,
रह गए मेरे गाँव मे खाली मकान बहुत है
की अभी आशियाना दूर है……
Suuuuperb
This is really a condition of Indian : Satish Uke
Really nice sir
Very wonderfully. bheaut sunder kavita h.
This is a. really condition of Indian all the members.
Excellent poem which is shearing our bones with fear. The current fascist govt will have to pay for this extremism. Barring the BHAKTS the whole country is really proud of your wisdom. My super best overwhelming regards.
कविता अक्सर काल्पनिक होती है पर ये कविता मार्मिक यथार्थ है।
सच्चाई फेसबुक और ट्विटर चलाने वाले भक्तो को बिल्कुल नहीं दिखेगी क्योंकि अंधेरा कर दिया गया है।
अंधेरा कायम है।
अब नया सूरज उगाना होगा।
A heart touching poem.
Deep within, despite your heady-success, beats a heart that cares.Best wishes! Hatoor
आप के कविता बहुत ही सच्चे है | आप अपनी बात और सरलता से तथा और बड़े पैमाने पर रखे ताकि अधिक से अधिक लोगों तक विषेशकर गरीब एवं बेरोजगार लोगों तक आप की सोच एवं विचार पहुँच सके | सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि लोग आपके विचारों को महसूस करे|